Friday, 12 April 2013

Friend Request to Life in waiting.........

       Fiend Request to Life in waiting
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हर जीवन का अपना संघर्ष होता है , अपनी पीड़ा होती है , पर कोई पैमाना ऐसा नहीं है जिस पर तौलकर यह तय किया जा सके कि किसके आँसू किसकी आद्र मुस्कान के आगे फीके पड़ गये हैं, या किसकी हँसी में किसी के विलाप से ज्यादा मर्म है !
बाजार का स्थापित सिद्धांत कब से मानवीय संवेदनाओं के मापदण्ड तय करने लग गया पता ही नहीं चला ! आज जब मुस्कान भी डॉलर या रूपये के अनुपात में चमकने या धुंधलाने लगे हों ; आँसुओं की बेशर्म नुमाइश में सौदेबाजी की बू आती हो ; बहुत मुश्किल है यह तय कर पाना कि मैं , तेरे छद्म पर चकाचौंध भरे आडम्बर में ज्यादा सहज था या किसी की बेलाग , निश्छल स्नेह में पूरा महफ़ूज़ !
ज़िंदगी , मै तेरा कोई विकल्प तलाश लूँ , जो मौत ना हो , पर जद्दोजहद भी ना हो , तब फिर से तुझसे दोस्ती का हाथ बढ़ाऊंगा :- पर तब तक ........सतर्क , चौकन्ना, सजग !!!!!!!!!
                                      # राजेश पाण्डेय

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